Monday, 13 January 2025

सर्वव्यापी

मित्रों के साथ नहीं 
थोड़ी बातों की लगे दुकान,
कुछ जीवन की हो गपशप 
कुछ आस-पड़ोस का ज्ञान, 
कोई सड़क के लंबे रस्ते 
जो रात चले सुनसान,

सेक्रेटरी के साथ नहीं 
थोड़ी बहुत शिकायत 
थोड़ा मिलकर काम, 
थोड़ी चिट्ठी-पत्रि
थोड़ा मान-सम्मान, 
थोड़ी साफ़-सफ़ाई
थोड़ी चली जुबान, 

परिवार के साथ नहीं 
थोड़ा खाना पीना 
थोड़ा tv देखना 
थोड़ा सैर-सपाटा
कुछ लाए चीनी-आंटा
कुछ छत के ऊपर छत
कुछ टूटे-जुड़े मकान, 

समाज के साथ नहीं
कुछ होते मिलन-समारोह,
कुछ 

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