Wednesday, 15 January 2025

भ्रष्टाचार

पहले चाय लिए 
फिर थोड़ा-बहुत नाश्ता,
फिर थोड़ी फिरकी
फिर थोड़ा आराम,

थोड़ा-सा काम
और गपशप
थोड़ी गहरी नींद
रात्रिभोज और देर शयन, 
वासनापूर्ण लोचन,
कुछ ओढ़े तंग 
चमकी बसन, 
बदला मेरा
तन और मन
आया मेरा करप्शन!


No comments:

Post a Comment

जिम्मेवारी

लेकर बैठे हैं  खुद से जिम्मेवारी,  ये मानवता, ये हुजूम, ये देश, ये दफ्तर  ये खानदान, ये शहर, ये सफाई,  कुछ कमाई  एडमिशन और पढ़ाई,  आज की क्ल...