क्या मोहन का मोर-पंख,
क्या लंगोट की वाणी थी
क्या बिगुल बजा क्या शंख,
क्या सत्य की समझ नयी जैसी
क्या चाल नई मतवाली थी
क्या सबको लेकर चलना था
किससे सकल चुराई थी?
क्या मोटर चाह के लेना था
क्या रेल के डिब्बे फर्स्ट क्लास,
क्या लोग से दिखना अलग-थलग
क्या उनको राह दिखानी थी?
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