Monday 24 January 2022

संवाद

राम कहूं मैं, 
राम सुनूं मै,
राम हृदय मे
साफ धरूं मै

मै जब बोलूं
राम के लिए,
मै कुछ कहूं तो
राम के लिए,

मै साथ चलूं तो
राम ही बढ़ें,
मै कहीं रुकूं तो
राम हों खड़े,

मै राम ही सबमें
देख सकूं,
मै राम मे सबको देख सकूं।

No comments:

Post a Comment

दो राहें

तुम चले सड़क पर सीधा  हम धरे एक पगडंडी, तुम्हारे कदम सजे से  हम बढ़े कूदते ठौर, तुमने थामी हवा की टहनियां  हम बैठे डिब्बे में संग, तुम संगीत...