Monday, 24 January 2022

मंडली

आज कौन–कौन
आया है,
कल कौन–कौन मिलेगा
और कल कौन कहां होगा,
यह भूल बैठे आज
बस देख रहे हैं
की कौन–कौन है यहां
और कौन कहां है?

कौन याद कर रहा है
किस लिए कितना,
कौन बात कर रहा है
किस वजह कितना,
यह भूल बैठे आज
बस सुन रहें है किलकारी
अमृतवाणी, ठहाके और
फिर से कोई गूंज,
अगले पड़ाव तक के।

No comments:

Post a Comment

जिम्मेवारी

लेकर बैठे हैं  खुद से जिम्मेवारी,  ये मानवता, ये हुजूम, ये देश, ये दफ्तर  ये खानदान, ये शहर, ये सफाई,  कुछ कमाई  एडमिशन और पढ़ाई,  आज की क्ल...