मेरे भाव खत्म कर दूँ 
मैं आज सोने से पहले 
मेरा आज खत्म कर दूँ,
कुछ मुहल्ले की सफाई 
किसी दोस्त की दवाई,
ओड़िया की पढ़ाई 
और रात की जगाई,
सब खत्म कर दूँ
सीजीएचएस का कार्ड
बाज़ार से फलाहार,
उससे पूरी बात 
और सबसे मुलाकात,
मैं अबके कर दूँ,
देर रात की फिल्म 
आधी-अधूरी ईल्म,
बच्चों की तकलीफ 
और आत्म से अनभिज्ञ 
मैं दूर कर दूँ,
मै नदी को सिंधू मे
तब्दील कर दूँ?
कल के सूरज को
क्षितिज विलीन कर दूँ,
मै खुद को जैसे
आज ही संपूर्ण कर दूँ?
मै आप अपनी ही 
गति अमूर्त कर दूँ!
 
No comments:
Post a Comment