मेरे मन में मेरा था,
मेरा हाथ पकड़ने वाला
मेरे क्षितिज का घेरा था,
मेरे संग जो हँसा जोर से
मेरे खुशियों का था श्रोत,
मुझको नज़र बसाने वाला
मेरी नज़र में था चित्चोर
मेरे बगल में रोने वाला
दुख का मेरे साथी है,
मुझको रोज ताकने वाली
मेरी किस्मत वाली है,
सीढ़ियों के पत्थर मेरे
आए हैं बनकर खूँटे
मेरे मोह के बंधन मेरे
मेरे हुए, मेरे छूटे!
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