Tuesday 10 September 2024

कालीदास की पत्नी

तुम्हारे प्रश्न का उत्तर 
तुम्हारे मन का आपा,
तुम्हारी देश के ढंग 
मेरे छोटे ढोंग,

तुम्हारे लम्बे वक्तव्य 
मेरी हाँ की धुन,
तुम्हारी बड़ी शिकायत 
मेरी बातें सुन्न,

परमार्थ- समर्थ के प्रश्न 
लोक विवेक के मंत्र,
पाई-पाई की बचत
लमहे- लम्हे का यत्न,

कौन, किसका, किसको?
ऐसा-वैसा उनको,
महिषासुर, रावण भोगी
धोती-कुर्ता योगी,

समय-समय का बंध
जगह-जगह के लोग,
आने-जाने के मतलब 
क्या जानेंगे लोग,

देखने की मर्यादा 
पूछने की अभिलाषा,
कहने-सुनने का संदर्भ 
कार्यालय की परिभाषा,

सूर्य-चंद्र, अग्नि-जल
बुद्धि-बल, प्रमाण-छल,
ध्यान-राग, आज-कल
दशा-दिशा, भुजा-दल,

गदा-फूल, आद्र-धूल
विनय-हूल, शांत-चुलबुल,
खता-भूल, नाम-मूल
शहर-ग्राम, नम्र-शूल,

कला-सुकून, चला-कुल 
पंक-कमल, धरा-अतल,
प्रभा-दर्श, आदि-शीर्ष
अंत-मुक्त, सत्य- हर्ष,

दर्द-कीर्ति, राम-भक्ति 
कृष्ण-रास, बुद्ध- शक्ति,
व्यथा-व्यर्थ, माया-अर्थ
प्रेम-उमंग, कलह- संग,

अदा-शृंगार, लाज-अलंकार
दर्पण- सत्य, मोह- कृत्य 
बंध-तृप्ति, रास- भक्ति,
मेल-मगन, जाप- भजन,

खुदा-निराकार, अदृश्य-साकार
जंग-सुलह, क्रोध- हृदय,
प्रलय-नया, प्राणी- दया
सिन्धु-अथाह, बिन्दू- राह,

गगन-विशाल, क्रिड़ा-भूचाल
लता- लगन, क्षुधा-अगन,
आप- गर्व, विघ्न- अथर्व
ज्ञान-सर्व, लोक-पर्व,

सवाल-जवाब, हिसाब-किताब 
अलग-थलग, संग-संग,
आमोद-प्रमोद, कथा-बिनोद 
हंसी-मजाक, प्रेम-प्रसंग! 








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