तुम्हारे मन का आपा,
तुम्हारी देश के ढंग
मेरे छोटे ढोंग,
तुम्हारे लम्बे वक्तव्य
मेरी हाँ की धुन,
तुम्हारी बड़ी शिकायत
मेरी बातें सुन्न,
परमार्थ- समर्थ के प्रश्न
लोक विवेक के मंत्र,
पाई-पाई की बचत
लमहे- लम्हे का यत्न,
कौन, किसका, किसको?
ऐसा-वैसा उनको,
महिषासुर, रावण भोगी
धोती-कुर्ता योगी,
समय-समय का बंध
जगह-जगह के लोग,
आने-जाने के मतलब
क्या जानेंगे लोग,
देखने की मर्यादा
पूछने की अभिलाषा,
कहने-सुनने का संदर्भ
कार्यालय की परिभाषा,
सूर्य-चंद्र, अग्नि-जल
बुद्धि-बल, प्रमाण-छल,
ध्यान-राग, आज-कल
दशा-दिशा, भुजा-दल,
गदा-फूल, आद्र-धूल
विनय-हूल, शांत-चुलबुल,
खता-भूल, नाम-मूल
शहर-ग्राम, नम्र-शूल,
कला-सुकून, चला-कुल
पंक-कमल, धरा-अतल,
प्रभा-दर्श, आदि-शीर्ष
अंत-मुक्त, सत्य- हर्ष,
दर्द-कीर्ति, राम-भक्ति
कृष्ण-रास, बुद्ध- शक्ति,
व्यथा-व्यर्थ, माया-अर्थ
प्रेम-उमंग, कलह- संग,
अदा-शृंगार, लाज-अलंकार
दर्पण- सत्य, मोह- कृत्य
बंध-तृप्ति, रास- भक्ति,
मेल-मगन, जाप- भजन,
खुदा-निराकार, अदृश्य-साकार
जंग-सुलह, क्रोध- हृदय,
प्रलय-नया, प्राणी- दया
सिन्धु-अथाह, बिन्दू- राह,
गगन-विशाल, क्रिड़ा-भूचाल
लता- लगन, क्षुधा-अगन,
आप- गर्व, विघ्न- अथर्व
ज्ञान-सर्व, लोक-पर्व,
सवाल-जवाब, हिसाब-किताब
अलग-थलग, संग-संग,
आमोद-प्रमोद, कथा-बिनोद
हंसी-मजाक, प्रेम-प्रसंग!
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