कहां होते?
क्या Facebook पर
post करते या
Youtube पर मंत्रणा,
क्या अखबारों में चर्चा करते
या चुनाव की घोषणा ?
बापू शायद
अस्पताल मे होते
अपनी लाठी, घड़ी
और मुस्कान लेकर,
दास्तानें और मास्क लगाकर,
किसी मरीज की सेवा करते।
वो ऑक्सीजन के लिए
लड़ते नहीं,
जीवन के लिए अड़ जाते,
वो दिल्ली मे नहीं
नोवाखली मे पड़ जाते।
वह राम कहते,राम गाते,
अपना कर्म करते,
कर्मों से समझाते,
वो अस्पताल मे
अपनाते लोगों को,
और अपने local कर्म से
vocal बन जाते।
बापू लोगों से और
Virus से जुड़ जाते,
वो Virus की आजादी को
साजो-सामान जुटाते,
वह पेड़ लगाते,
बकरी पालते
आश्रम को अस्पताल और
अस्पताल को आश्रम बनाते।
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