Tuesday 16 May 2023

पारावार

भ्रम का पारावार बड़ा 
बड़ा बहुत विस्तार,
इधर- उधर हर तरफ 
दिखे भ्रम का व्यापार,

भव के ही मझधार 
नहीं आर या पार,
हर शरीर का हिस्सा 
खींच जाता, तनता आकार,

पारावर के पार 
राम राज्य अपरम्पार 
राम नाम पतवार 
फिर सीमित पारावर!

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