ये हुआ क्या है?
ये क्या आग है
ये धुआं क्या है?
ये रोशनी है अँधेरों के
कमरों में क्यूँ?
दम घोंट के दफन
आज कब्रों में क्यूँ?
मंज़िल की थी ख्वाहिश
दहलीज के बाहर,
अब टूटी चौखटों का
गुनाह क्या है?
अयोध्या को अपना
समझने कब लगे?
कैकयी की चाल और
कुटिल मंथरा क्या है?
जन्म-भूमि तुम्हारी
द्वारका तक है विस्तृत,
गोकुल का बचपन
वृंदावन से जग तृप्त,
कुरुक्षेत्र की सीमा में
कोई मथुरा क्या है?
बैठना तक नहीं
स्टेशन पर गँवारा,
बहुतों से मिली तुम
सभी को नकारा,
स्वाभिमान की देवी
जब तिरंगा बनी है,
सुबह-शाम सलामी
हर दिशा कर रही है,
धनंजय को स्वजनों की
चिंता क्या है?
कातिल कह रहे हो
कुरुक्षेत्र में धनुर्धर,
गांडीव उठाने में
वेदना क्या है?
समर का समय
जब सभी को पता है,
आशा तुम्हीं से
तुम्हीं से कथा है,
जब पंखों को चुराने
गई थी शिखर तक
उड़ी आसमा में
गिद्धों से ऊपर,
घोंसला से मुहब्बत
बेइंतिहा क्या है?
पिंजरों में फुरकना
बेवजह क्या है?
तूफानों से पंजे
लड़ाने थे आए,
गोल-गोल यहीं
घूमना क्या क्या है?
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