कैसे बैठेगी और
यात्रा करेंगी
कोई बेटी,
किसी की साथी?
समान्य है
तो ढेर सारे
लोग जाने वाले,
सामान्य हैं
कंधों पर बहुत
बोझ ढोने वाले,
किसी और के
शहर मे
खाना बनाने वाले,
मनमौजी काम करने
और घर को जाने वाले,
ज़मीन पर सोने वाले
और मुस्कराने वाले,
बेटियाँ तो पहले से
घर की बनी चिराग,
जल कर करती रोशन
चूल्हे की भूख की आग,
लड़कियों का जीवन
घर मे ही सामान्य!
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