कुछ मतलब नहीं है,
बेमानी हैं सब
कोई तर्कसंगत नहीं हैं,
तुमको लगा की
हमारी खामोशी तुम हो,
तुम्हारे होने से पर
हमें कोई उल्फत नहीं है,
यह दूरी, ये धूरि
ये समय के थपेड़े,
ये सरगम के टुकड़े
जो किस्मत ने छेड़े,
ये लंबी सी चुप्पी
विचारों के रेले,
ये मेरे फ़ैसले हैं
कोई उलझन नहीं है!
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