Saturday, 13 August 2022

एक दिन का घर

सुबह आया 
फिर चला गया
राखी बंधवाकर
निकल गया,

आया भाई
बड़ा कहने पर
रहा रुका बस
घंटे भर,
हमारे एक दिन का घर!

No comments:

Post a Comment

जिम्मेवारी

लेकर बैठे हैं  खुद से जिम्मेवारी,  ये मानवता, ये हुजूम, ये देश, ये दफ्तर  ये खानदान, ये शहर, ये सफाई,  कुछ कमाई  एडमिशन और पढ़ाई,  आज की क्ल...