Tuesday 9 August 2022

कौन है?

मैं हूं या राम हैं?
जो बोलते हैं
करते हैं,
रखते हैं इच्छाएं,

जो रोक लेते मन
करते यत्न कितने सारे
मांग कर खा लेते
और मांगते उधार,
बंधे हुए हैं सबसे
और सबके ही आकार!
मै हूं या राम हैं?

आते–जाते, खाते–पीते
रूठते–मनाते,
मन मे ख्वाब सजाते
मिलते–बिछड़ते,
पांव छुते और
नम्र शीश झुकाते
मैं हूं या राम हैं?

घूमते टहलते
गंगा मां का दर्शन करते
घाटों पर लेट जाते
और करवट बदलते
धोती कुर्ता पहनते उतरते
तृप्त और तृष्णा को ढोते
मैं हूं या राम हैं?

मै कर रहा हूं
कैसे कहूं
जब करने वाले राम हैं
मै सोच रहा हूं 
क्या सोचूं
जब भरने वाले राम हैं?
मै मुस्कुराऊं 
और टाल जाऊं कैसे
जब हंसने वाले राम हैं?
मै खुद को जान पाऊं कैसे
जब समझ का मतलब राम हैं?
मै राम धाम जाऊं कैसे
जब चलने वाले राम हैं?
मै ढूंढूं कैसे किसको पूछुँ
जब ढूंढने वाले राम हैं?
मन पर काबू पाऊं कैसे
जब चिल्लाने वाले राम है?
मै शब्दों को पिरोऊ कैसे
जब पढ़ने वाले राम हैं!
मै राम नाम धाऊं कैसे
जब धरने वाले राम हैं!


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