बताना चाहता हूं,
उंगलियों को रख
तुम्हारी उंगलियों मे
हर हर्फ को छूकर
पढ़ाना चाहता हूं,
तुम देखती होगी
कई episode
किस्से और तजुर्बे
मै दिव्यकीर्ति को
सुनाना चाहता हूं,
आज लल्लनटॉप पर
वो कह रहे हैं,
DU मे बहसों के
दीवारें ढह रहें हैं
मै हाथ धर कर
अब तुम्हारे
उन गली मे
बिखरे टुकड़ों को
उठाना चाहता हूं,
मै फिर से फूलों को
तुम्हारे साथ चलकर,
देखकर बातें
बनाना चाहता हूं,
तुम सो गई
मै सो गया हूं,
बातें करते
अब नींद मे
तुमको बुलाना चाहता हूं!
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