Monday, 30 October 2023

खादी

खादी 
विचार है 
आचार है,
संकल्प है 
निर्विकल्प है,
तेज है
प्रकाश है,
पवन है 
उल्लास है,
अस्त्र है 
ये शस्त्र है,
शास्त्र है 
ब्रह्मास्त्र है,
मुस्कान है 
अट्टहास है,
मिट्टी से 
आत्मा तक 
खादी विकास है!


No comments:

Post a Comment

सुधार

तुम सुधर न जाना  बातें सुनकर जमाने की,  कहीं धूप में जलकर  सुबह से नजर मत चुराना,  ठंड से डरकर  नदी से पाँव मत हटाना,  कभी लू लगने पर  हवा स...