यहीं सुनी प्यारी-सी बोली,
यहीं आँख के रंग थे बदले
यहीं आसमा से मिली थी नजरें,
यहीं नहीं तुम जाने पाए
यहीं कहीं तुम मुँह बिचकाये,
यहीं पर फैल गए थे हम
यहीं पर सभी गुहार लगाए,
यहीं पर आना और ठहरना
यहीं पर होता बहुत मलाल,
यहीं उड़ा था रंग गुलाल
यहीं हुआ था इश्क मे लाल!
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