एक वो डिग्री रह गई,
कुछ नव बसंत रह गए
कुछ सुबह की
रोशनी रह गई,
तुमसे आखिरी बार
मिलना कहाँ हुआ,
तुमसे कुछ बात
अधूरी रह गई,
वहां जाना रह गया
वहाँ से गुजरना रह गया,
वो सत्ता रह गई
वो ठहरना रह गया,
वो मित्र रह गए
वो माँ-बाप रह गए,
कुछ याद रह गई
कुछ राम रह गए,
कुछ जाप भी किया
कोई मनका छुट गया,
कुछ बेमन का किया
कुछ मन का रह गया!
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