न चेहरा, न पहचान
कुछ दिनों की दुआ-सलाम
संभली-समझदार
हर स्थिति में तैयार।
बिगड़ने न दे
कोई भी बात,
समझाए मुझे
मिनटों मे जज्बात।
नाजुक से मसले पर
धीरे से बोले,
अगर टूटे हिम्मत
तो बाजू पकड़ ले।
इतिहास की जानकारी
नेहरू-इंदिरा संवाद,
जाने देश-दुनिया
Thehindu के साथ।
झूठ और सच,
समन्वय के मध्य,
हल्के से रक्खे
अहिंसा से सत्य।
Left और Right,
दोनो को टटोलती
अटारी और बाघा के
अंतर उधेड़ती।
समय को समझकर,
करती है vote.
गंगा-सी निर्मल
करता मै note.
मेरे धैर्य से मेरा
परिचय कराती,
आशा की किरन
तुम खुदाई, खुदा की।
कुछ दिनों की दुआ-सलाम
संभली-समझदार
हर स्थिति में तैयार।
बिगड़ने न दे
कोई भी बात,
समझाए मुझे
मिनटों मे जज्बात।
नाजुक से मसले पर
धीरे से बोले,
अगर टूटे हिम्मत
तो बाजू पकड़ ले।
इतिहास की जानकारी
नेहरू-इंदिरा संवाद,
जाने देश-दुनिया
Thehindu के साथ।
झूठ और सच,
समन्वय के मध्य,
हल्के से रक्खे
अहिंसा से सत्य।
Left और Right,
दोनो को टटोलती
अटारी और बाघा के
अंतर उधेड़ती।
समय को समझकर,
करती है vote.
गंगा-सी निर्मल
करता मै note.
मेरे धैर्य से मेरा
परिचय कराती,
आशा की किरन
तुम खुदाई, खुदा की।
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