भैया की आवाज़ है मीठी,
माँ के जगराते मे
भजन उसने गाया,
सबने सुना
हर मन भाया,
माता की उपासना कर
उनका आशीष पाया,
रात भर हर एक जगा
माता को जगाया।
सबका जगराता,
माता का जगराता।
घर पर भाई आया,
मम्मी को ख़ूब सुनाया
उनकी नज़र को झुकाया
उनको उनका काम सिखाया।
माँ डर गयी,
तिरस्कार से सहम गयी,
कल चला जाएगा भाई
यही सोचकर ठहर गयी,
पिता की दो बातें भी सुनी,
कुछ कड़वे घूँट पी गयी।
बेचैनी में रात भर जागी माँ
सब सोए, माँ जागी
यह हुआ बस
माँ का जगराता।
माँ के जगराते मे
भजन उसने गाया,
सबने सुना
हर मन भाया,
माता की उपासना कर
उनका आशीष पाया,
रात भर हर एक जगा
माता को जगाया।
सबका जगराता,
माता का जगराता।
घर पर भाई आया,
मम्मी को ख़ूब सुनाया
उनकी नज़र को झुकाया
उनको उनका काम सिखाया।
माँ डर गयी,
तिरस्कार से सहम गयी,
कल चला जाएगा भाई
यही सोचकर ठहर गयी,
पिता की दो बातें भी सुनी,
कुछ कड़वे घूँट पी गयी।
बेचैनी में रात भर जागी माँ
सब सोए, माँ जागी
यह हुआ बस
माँ का जगराता।
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