यह आगे पीछे करता है
कोई रोक रहा तो सोचा क्या
कोई लड़ा–भिड़ा तो रोका क्यूं?
राम नाम का कर प्रसार
मन अपने ऊपर चढ़ता क्या?
समझाता किसे और क्या कहता
यह पैर पे झुककर, उठता क्या?
रुक जाता तो पा जाता ये
राम नाम जो जपता क्या?
मन कुछ न तो हो जाता
राम नाम की चर्चा क्या?
मन राम राम में रमा रहे
राम से लड़ता भिड़ता क्या?
राम की सांस से करता सेवा
मैं राम नाम से हटता क्या?
जो हो सकता वो हो जाता
राम को कमतर करता क्यों,
मैं राम को गले लगा लेता
फिर राम नाम डरता क्यूं?
No comments:
Post a Comment