गुलाब आएगा,
मेरे तकिए पे फिर से
वो ख्वाब आएगा,
मैं सोया नहीं हूं
बस नाटक कर रहा हूं,
मेरे पता है तुम्हारा
लिहाफ आएगा,
मै दौड़ जाऊंगा
बावड़ी पर
रात के अंधेरे मे,
जब खत का मेरे
कुछ जवाब आएगा,
कोई संदेश
लिख दोगी तुम
मेरे नाम पर गुमशुदा,
मेरे इंतजार का भी
इंकलाब आएगा,
मै मन मसोसता हूं
हर दिन बीत जाने पर,
मेरे जज्बातों का भी
सैलाब आएगा,
लिख रहा हूं बातें
दिल की कलम चबाकर,
तुम्हारा खत पढ़कर ही
अब करार आएगा,
हवाएं चल रही हों जब
और छत पर अकेली हो
तुम्हे मेरा ही तो
खयाल आएगा,
खत मैने लिखा है
जुनून की हद में,
तुम्हारी नज़र का
कभी तो खिताब आएगा!
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