बहुत मुबारक,
महल तुम्हारा ऊंचा हो,
राम चंद
वन–गमन से पहले
महल मे गाने–नाच हो,
फूल खिलेगा वहां,
जहां की
राम–सिया के
चरण पड़ेंगे,
तुमको माता कैकेई
महल की चारण
वहीं मिलेंगे,
जिसको महल की
इच्छा होगी,
उसको महल मिलेगा
जो मांगे वनवास
राम का
उसको महल मिलेगा,
जो मांगेगा राम
उसको राम मिलेंगे!
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