समाज सुधार जायेगा?
सुधरा है क्या परिवार
उसका कोई व्यवहार
किसी का भतार
कोई दबा है कभी यलगार
एक गाली–से?
बदली है क्या सरकार
गांधी–सा दमदार
भगत की पुकार
और मेरे ही विचार
क्या बदल गए गाली–से?
आंख के बदले आंख
और गाली के बदले गाली,
मैंने सोच ली बहुत
किसी की कमी बहुत–सी,
पर कह देने से क्या
इंसान बदला है?
हिंसा से ही क्या
अंगुलीमाल बदला है?
बदला है धीरे–धीरे
समय भी बदला है,
सिद्धार्थ बदला है
नरेंद्र दत्त बदला है,
वर्धमान बदला है,
बस बदलने से खुद को
संसार बदला है !
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