यही चौड़ी-सी सड़क,
यह मन के कई सतह 
कोई हवाई, कोई खंदक,
एक से जाते बहुत विचार 
एक से एक-दो ही एक बार,
एक की भीड़ हज़ारों की 
एक पर लगी है बड़ी कतार,
एक पर मयखाने हैं खुले 
एक पर मन्दिर और मज़ार,
एक पर वैभव की आसक्ति 
एक पर फीका लगे संसार,
समय-समय ले राम का नाम 
करते रहते हम आर या पार!
 
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