ख्वाहिश बड़ी- बड़ी,
ख्वाबों में लगाने की 
चार चाँद बड़ी-बड़ी,
ख्वाबों की माला में 
मोतियों की लड़ियां लगा लेती,
मोतियों के ऊपर 
और सितारे सजा देती,
ख्वाबों को देखकर 
यह और ख्वाब सजा देती, 
जितने झूठे गीत 
ये गाते हुए भुला देती, 
सारे दुख, सारे संताप 
और मांगने की ख़ातिर 
ये झटपट हाथ बढ़ा देती,
ये ख्वाबों की ख्वाहिशें 
ये और की ख्वाहिशें!
 
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