फिर से मुझको,
फिर से कह दो
गलती हो गई,
फिर से कह दो
भूल हो गई,
फिर अपना
जूठा खाने दो,
फिर से कहो कि
बात करेंगे,
सुबह-सुबह
मुलाकात करेंगे,
मैं उम्मीदों के
कुछ दिये,
जला के बैठा था
रातों में,
मैं फूलोँ- सी
बात सजाकर
बाट जोहता था
राहों में,
तुम आई नहीं
कभी मेरे रास्ते,
पर जाने की
वजह बता दो,
कुछ बात बनाकर
फिर फुसला दो!
No comments:
Post a Comment