Saturday 31 July 2021

शांति

लिखते तुलसीदास भी थे
लिखा बाबा साहेब ने भी,
भक्ति मीराबाई भी की
शक्ति आह्वान राम ने भी,

चलते गुरु नानक भी थे
चलते गांधी बापू भी,
पढ़ते प्रेम चंद भी थे
पढ़ते नन्हे बालक भी,

गाती माता लता भी हैं
गाते कबीर दास जी भी,
बजाते बिस्मिल्लाह साहब
और गाल बजाते राही भी,

राम–नाम लेती चिड़ियां भी
राम नाम सब प्राणी भी,
दान किया कर्ण ने सब
दान दिया सिया ने भी,

मुस्काते रघुनाथ भी थे
मुस्काते थे बुद्धा भी,
जीवन जीते थे वो सब
जीवन जीते हम सब भी।



No comments:

Post a Comment

दो राहें

तुम चले सड़क पर सीधा  हम धरे एक पगडंडी, तुम्हारे कदम सजे से  हम बढ़े कूदते ठौर, तुमने थामी हवा की टहनियां  हम बैठे डिब्बे में संग, तुम संगीत...