साबुन से नहाते हैं,
आप हमारा दर्द
क्या जानते हैं,
आप के बच्चे लंदन
मे पढ़ने जाते हैं,
आप इन स्कूलों मे
बस झंडे फहराते हैं,
आप के घर की सड़क
मंदिर तक पहुंचती है,
बाजार आपके घर
दौड़ कर आते हैं,
गटर के पास से
सीसा बंद कर गुज़र जाते हैं,
आप हमसे बच कर
खुशी मनाते हैं,
आप हमारी बाजार की चीख
घर की चारदीवारी में सुनाते हैं,
हमारी चीखों को
आदत बताते हैं,
फिर खुशबू वाले
साबुन से नहाकर,
सब भूल जाते हैं,
खुशबूदार हो जाते हैं।
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