कुछ इल्ज़ाम लगाकर के
मन तू खुद को बहला ले।
कुछ लोगों से हो जलन बहुत
कुछ लगे बहुत आगे की बात,
कुछ अपने पैमाने तुमको
जो लगे बहुत छोटी औकात,
तो अपनी हसरत की चादर
तू ओढ़–बिछाकर सुस्ता ले।
उसका हुआ तो उसका है
उसकी मेहनत बढ़कर है,
उसकी रातें बिन नींद गई
उसने खेल नहीं खेले,
उसकी किस्मत की चाभी
तू उसको देकर, अपना ले।
मन तू खुद को बहला ले।
तेरी बारी आएगी,
यह जान जरा तू मुस्का ले,
मन तू खुद को फुसला ले।
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