Thursday 5 August 2021

कोई और

अब तुम्हारे हंसने पर,
कोई और ही खुश होगा,
कोई और तुम्हारे झोले को
अपने सर पर रख लेगा।

कोई और करेगा इंतज़ार
जब मेट्रो स्टेशन पर बैठोगी,
किसी और के टोपी चश्मे को
तुम बैग में अपने रख लोगी।

कोई और तुम्हारे class के बाहर,
इंतेजार में खड़ा रहेगा,
कोई और तुम्हारी रोटी को
खाकर खतम करेगा।

किसी और के साथ, सड़क पर चल
तुम ’केजरीवाल‘ जिताओगी,
कोई और छोड़ गायब होगा,
तुम गुस्से में चिल्लाओगी।

किसी और के साथ खड़े रहकर
तुम छोले कुल्चे खाओगी,
किसी और का पेट खराब होगा,
किसी और का मजाक बनाओगी।

कोई और तुम्हारी miss call देख
Sorry बोल के बात करेगा,
जब गुस्से से फोन काट दोगी
कोई और ही डरा रहेगा।

किसी और की बातों के मतलब
तुम प्रियांका दी से पूछोगी,
किसी और के चश्मे से छनकर
तुम सारी दुनिया देखोगी।

कोई और ही तुम्हे जलाने को
किसी और से बात करेगा,
जब मुंह लटका लोगी तुम दुख से
कोई और ही तंज कसेगा।

कोई और चलेगा auto से,
साथ तुम्हारे दूर बैठ,
कोई देखता रह जायेगा
जब जाओगी तुम मुंह ऐंठ।

कोई और तुम्हारी जांघों पर
मलहम रात लगाएगा,
कोई और तुम्हारे आंसु को,
नरमी से पिघलाएगा।

किसी और की सुनकर तारीफे,
तुम सांस रोक कर टालोगी,
कोई और तुम्हारी बाँह खींच,
तुम्हे अक्षरधाम घुमाएगा।

किसी और को अलविदा कहने को
तुम metro station जाओगी,
किसी और बाहों मे बसकर,
किसी और की तुम हो जाओगी।


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