महलों की मीनारों से
झांककर लोग–बाग
पञ्चायत देख रहे हैं,
उन्हें भी देश की
उतनी ही फिकर है,
जितना हंसते हुए
अभिषेक त्रिपाठी को है,
इनको वनराकश पर गुस्सा है
और प्रधान जी से प्रेम है,
वो विधायक को
बदतमीज समझते हैं,
और उसके खिलाफ
अभिषेक को
चुनाव लड़ाना चाहते हैं,
वो अब अपने केजरीवाल को
अच्छे से पहचानते हैं,
वो आम आदमी की
सरकार चाहते हैं,
वो राकेश की शहादत पर
रुआंसे हो गए हैं,
और मोदी जी के साथ
2 मिनट का मौन रख रहे हैं,
वो S जय शंकर की
Videos को वायरल
कर रहे है,
चीन के शहरों के नाम
ट्विटर पर बदल रहे हैं,
वो कश्मीर files की असलियत
महसूस कर रहे है,
उन्हें प्रहलाद जी का
3 दिन गायब होना
खल रहा है,
वो रिंकिया से टंकी पर
मिल चुके हैं,
और प्रेम का इजहार भी
कर चुके हैं,
वो फुलेरा के थानाध्यक्ष के
नोएडा फोन करने पर
हंस के टाल रहे हैं,
उन्हें भट्ठे वाले पर गुस्सा है
पर उन्हे माना लेते हैं
एक ही एपिसोड मे,
उन्हें अब अभिषेक से
हमदर्दी के साथ जलन भी है,
वो दया नहीं दिखाते
अभिषेक सर पर,
उन्हें नाज़ है इसके काम पर
और किस्मत वाला समझ कर
उसे दुआ भेजते हैं!🌻😊
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