करे मनमौजी,
रिक्शा समझ के
मोटर के आगे,
बैठिन जाके
Bonut पे आगे,
भैया बेचारू
रहीन परेशान,
खींचे फोटो
नोचे कपार,
कहेके सबै गुन
भौजी मनावे,
उतरे ऊ मोटर से
त आगे बढ़ावे,
"गर्मी बहुत बा
उतर जयतु रानी,
अंदर बैठतू
पी लेतू पानी"
चलतु बजारे
त लुग्गा दिययिती,
खाना खियायिति,
नैया घुमयिति,
निरहुआ के नयिका
लगिल बा सिलेमा,
लेके टिकट तोके
पिक्चर देखायिति
उतर जयतु रानी
बयिल बा फजीहत,
रुकल बाड़े रास्ता
तु माना नसीहत,
मोहल्ला मे हमके
जाने ले दस लोग,
हमे बड़का भैया
बोलावेले दस लोग,
सबके सामने का
तु भयीलू नराज़ी,
उहां देखा तोके
घोरावत थे आजी!"
उतर गयिली भौजी
मनावत–मनावत,
भईया सुधर गयिलन
देखावत–देखावत!
No comments:
Post a Comment