Tuesday, 10 May 2022

drama

हमने अपने पात्र
खुद लिखे,
पहनाया
अपना जामा,

रंग–रोगन
चेहरे पर डाला,
भाव गढ़ा
बहुत निराला,

आंखों मे
सूरमा लगाया,
होंठों पे
गहरी लाली,

वाद लिखे
संवाद लिखे,
कुछ मौन धरा
कुछ विराम लिखे,

पर मंच पर हो गई
थोड़ी–सी गड़बड़,
रामायण के मंच पर
Crime Patrol वाले
आ गए,
राम का role निभाने वाले
Thriller की lines pa गए

अब परेशान है
मंचन करने वाले,
फिट करते हैं
Character सारे,
समय गवाते मंचों पर ही,
राम बने फिरते हैं मारे,

राम की महिमा
कोई न जाने,
राम परे हैं
राम के जाये!




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