वही है तरीका,
बदली है बस जुबानी
और करने का सलीका,
वही तो मुद्दे हैं
जिसपे बात मन में थी,
वही देशहित था
जिसकी हिचक बैठी थी,
बदलें केवल लोग
उनके पीने का तरीका,
वही कहते हैं
जो हमने नाम रक्खे थे,
वही दर्जा है जो हमने
मिलके देखे थे,
बदला है केवल वक्त
और चुप रहने का सलीका,
वही बातें थी रुहानी
गांव खेड़ों मे,
वही रास्ते थे
आम–पीपल के,
बदला है केवल वहां पर
जाने का तरीका!
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