यह सब दिखलाकर क्या होगा,
होना होगा सो तो होगा
उसके सामने कैसा रोना,
उससे बातें उसी शर्त पर
उसकी तारीफ बहुत किया पर,
घर पर बैठा बदलता चैनल
अब पछता कर कैसा खोना,
उसको उलझा कर क्या होगा
खुद को फुसला कर क्या होगा,
हाथ नहीं आनी है रोना
कैसा हाथ जोड़कर पाना?
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