निकले हैं,
राम यहां
कब आयेंगे?
राम ने सबरी
के फल खाए,
राम जटायु
पार लगाए,
राम गए
उत्कल के जंगल,
राम चले
मलयागिरी के पार,
राम कहे
पर यहाँ ना आए,
राम रुके थे
पंचवटी मे,
राम दंडकारण्य
मे दौड़े,
राम नर्मदा
तट मे डूबे,
राम सत्पूरा
चढ़ कर लांघे,
राम के रस्ते
हम ना आए!
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