मातृत्व एक भाव अनेक!
तुम चले सड़क पर सीधा हम धरे एक पगडंडी, तुम्हारे कदम सजे से हम बढ़े कूदते ठौर, तुमने थामी हवा की टहनियां हम बैठे डिब्बे में संग, तुम संगीत...
मातृत्व एक भाव अनेक!
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