ठहर कर ज़रा-सा,
ना बोलो ज़रा भी
टटोलो जरा-सा,
किसी को उठाकर
पटकने लगेगा,
किसी से बहुत दूर
चलने लगेगा,
किसी से हो गुस्सा
ना बातें करेगा,
नए कर्म कर के
नए ग़म मोल लेगा,
जो आते विचारों से
भावों को ना बदले,
तो भावों के आने से
विचार भी ना बदले,
हम दूर ही बैठे
अगर उनपर हंस ले,
विचारों के होंगे अंत अपने!
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