Saturday 17 June 2023

काज

हर मौके पर 
मुझे काम बता दो,
मुझको मेरे 
राम बता दो,
मुझको कोई 
कोना दे दो,
भजने वाले 
नाम बता दो,

आज बहुत है 
गर्मी घर मे,
आज की बिजली 
खपत बहुत है,
आज कोई 
पंखा बंद करके,
आँगन मे एक 
आम लगा दो,

आज सड़क पर 
है सन्नाटा,
आज नहीं कोई 
सिग्नल जोहता,
आज बंद हैं 
सब दरवाजे,
आज दुकान मे
राजू सोता,
दादी माँ 
आयी ले झोली,
कुछ जामुन के 
गुच्छे खोली,
उनको भी फुटपाथ
मिला क्यूँ?
घर जाने दो 
उनको भी अब,
जामुन के कोई 
दाम बता दो!

आज 'बापू' 
की मूर्ति खड़ी है,
चौराहों पर 
रस्ता देखे,
उनके नीचे 
खेलते बच्चे,
नाचते गाते 
गर्मी टालते,
कहाँ से लाते 
इतनी प्यारी,
वो अपनी 
मुस्कान बता दो,
मुझको भी वो 
आराम बता दो!




No comments:

Post a Comment

दो राहें

तुम चले सड़क पर सीधा  हम धरे एक पगडंडी, तुम्हारे कदम सजे से  हम बढ़े कूदते ठौर, तुमने थामी हवा की टहनियां  हम बैठे डिब्बे में संग, तुम संगीत...