मातृत्व एक भाव अनेक!
लेकर बैठे हैं खुद से जिम्मेवारी, ये मानवता, ये हुजूम, ये देश, ये दफ्तर ये खानदान, ये शहर, ये सफाई, कुछ कमाई एडमिशन और पढ़ाई, आज की क्ल...
मातृत्व एक भाव अनेक!
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