जो होगा उसका ज्ञान नहीं
है और होगा के मध्य मै
और मुझमे है संताप नहीं,
यह सरल नहीं है
होना और नहीं होना
करना और नहीं करना
पाना और नहीं पाना
उसकी चादर की
रंगत देख,
अपना रंग छुपा लेना
यह सरल नहीं है
उसकी बातों का मैल भुला
अपनी वाणी मीठी रखना
बस राम नाम के चप्पू से
अपनों से द्वंद मिटा लेना
जो है और जो होगा
उसके अंतर सुलझा लेना
सरल यही है राम नाम
तुम राम नाम दोहरा लेना।
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