Tuesday, 15 February 2022

Police

सूर्पनखा ने राम को
रावण से बचा लिया,
उसने अपने प्रेम
ध्यान से छुपा लिया,
और भड़कते ज्वाल को
माता पर घुमा दिया,

बता दिया की है एक परी
दिव्य रूप–सी
है पंचवटी के महल मे
किरण ज्योति–मूर्त सी,

है नहीं उसके समान रूप
तीनों लोक मे
रावण के ही वो योग्य है
सर्वशक्तिमान योग मे,

यही कहकर सूर्पनखा ने
बात को घुमा दिया
अपनी काली खोट को
लखन–राम का दिखा दिया
सुर्पनखा ने राम को
रावण से बचा लिया,
सूर्पनखा ने राम को
पुलिस से बचा लिया।

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