Monday 28 February 2022

Emotional abuse

ना सिर है
ना पैर है,
ना आदि
ना ही अंत है,

कब बोला 
कब छोड़ दिया,
कब बातों का
रुख मोड़ दिया,

कब चुप्पी थी
कब तिरस्कार,
कब मुस्काया
कब नमस्कार,

कब क्या सोचा
क्या बोल दिया,
कब जलन हुई
मुख खोल दिया,

सुर्पनखा बहन
कब का कब
किस बात से 
किसको जोड़ दिया,

रावण का तर्पण
करने को
राम को उसने 
छोड़ दिया !

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