Thursday, 24 November 2022

ए गोलू

का कहला तू ए गोलू
का भैला तू ए गोलू,
केसे बतिययिला ए गोलू
का मुस्किययीला ए गोलू

तू बहुत ऊ हया ए गोलू
बस दांत निपोरै जिन गोलू,
आवा अईबा त गोलू
होशियार जिन बना ए गोलू,
हम कहत रहली ए गोलू
तुम बड़ा न भइला ए गोलू!

खाना खाला ए गोलू
पानी पीला ए गोलू,
मम्मी तोहार पनीर बनहियां
धनिया लावा ए गोलू,
पान बनावे खातिर कत्था
खूब लगइला ए गोलू,
आजी हमरे संगे सुतिहन
खाट लगैता ए गोलू,
आजा बचवा अंदर बैठा
धूप लगत बा ए गोलू,
अंगना मे कूलर लगवईता
गोड़ चलऊता ए गोलू,
मोजा तोहार महकत हौवे
पैर धोवइता ए गोलू,
दू ले नान खटाई खइता
पानी पीता ए गोलू,

मेहरारू से झगड़ा कयिला
काशी जैबा का गोलू,
नातिन हमार बिहाने ऐहन
स्टेशन चल जा ए गोलू,
आज त बहुत बिहाने उठला
PT करबा का गोलू?
काहें मुंह फुलैले बाड़ा
कुछ बतियावा ए गोलू
देखा आवा महेंदर चच्चा
कुछ समझौता ए छोटू!😁

No comments:

Post a Comment

जिम्मेवारी

लेकर बैठे हैं  खुद से जिम्मेवारी,  ये मानवता, ये हुजूम, ये देश, ये दफ्तर  ये खानदान, ये शहर, ये सफाई,  कुछ कमाई  एडमिशन और पढ़ाई,  आज की क्ल...