मै तुमको और लुभाने को
तकरार नहीं कर सकता,मै अपने भाइयों से
यलगार नहीं कर सकता,
और आवाज को तेज करूँ
मै किसी तथ्य को आज रखूं,
मै अपना प्रेम जमाने को
कोई रार नहीं कर सकता,
आज रहे मुस्काते चेहरे
नहीं कोई मुह नीचे लटके,
मै खुशी का मोल चुकाने को
तलवार नहीं धर सकता,
मै राम का नाम सुनाने को
शिव द्रोह नहीं कर सकता!
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