इम्तेहान ले रही हैं,
वो हमसे पूछकर आज
हमारी जान ले रहीं हैं,
ये अनार के सौदे
एक बिमार से कर लिया,
वो दवा को मेरे आजकल
कोई जाम कह रहीं हैं,
कभी देखती नहीं
मेरी ओर मुड़कर,
वो अब हँसते हुए
मेरा नाम कह रहीं हैं,
शिकायत मेरी
खुदा से करेंगी,
वो आज डर का मेरे
इत्मीनान कर रहीं हैं!
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