राँची की जब आती है
बाज़ार की, रस्ते की
छत की, मुहाने की,
मौसम की, मिजाज़ की
दोस्तों की, टीचरों की
मेस की, TT की,
साइकिल की, अखबार की,
पेड़ों की, पक्षियों की,
शोर की, कोलाहल की,
घूमने की, आने-जाने की,
भुट्टे की, नारियल पानी की
घेवर की, तेवर की
मधुशाला की, रात की
हवाओं की, सुबहों की
ठंड की, बहारों की,
बादलों की, आसमान की
उसमे छुपती-निकलती
सूरज के किरण की?
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