जो है बेपरवाह,
जिसकी है बिना सर
बिना पैर की बात,
जिसको क्लास मे
लुडो खेलना है पसंद,
जिसको ढूँढ़ना रहता
हर बात पर आनंद,
जिसको दिन मे आती नींद
रात भर हो जागना,
जिसको हर एक बहस
लड़कर जीतना,
योग भी है जिसके
लिए एक बकवास
जिसको बोतल से पीने वाले
लगते हैं खास,
जिसको बीमारी मे
तलब की ज्यादा चिंता है,
दवा मंगाने मे जिसको
बहुत ही खर्चा है,
गिफ्ट मांगने मे
जिसको नहीं कोई हिचक,
हर बात में है
छुपा कोई सबक,
जिसकी हर अदा
मुझसे बड़ी जुदा,
दिल क्यूँ उसे
इस बार ढूंढता,
क्यूँ किसी ऐसे को चाहता!
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